“गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ्ल क्या गिरे जो घुटनों
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Express Your Feelings in Just Two Lines
“गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ्ल क्या गिरे जो घुटनों
पूरी शायरी पढ़ें“जो खुद पर रखते हैं विश्वास, वो नौकरी करते हैं, जो अपने
पूरी शायरी पढ़ें“सपने बुनो मजबूत, मेहनत की फसल उगाओ, हर दिन नए इरादों से,
पूरी शायरी पढ़ें“पैसों का खेल है, धैर्य रखो यार, जो रुकता नहीं, वो बनता
पूरी शायरी पढ़ें“बिजनेस की राहों में जब कठिनाई आए, मेहनत का दीप जलाकर आगे
पूरी शायरी पढ़ें“पैसों का हिसाब दिल की दीवारें बना गया, जो दोस्त था कभी,
पूरी शायरी पढ़ें“रिश्तों की किताब में कुछ पन्ने खो गए, उधार दिया था जिनको,
पूरी शायरी पढ़ें“बिज़नेस में साथ दिया, भरोसा भी बढ़ाया, उधार तो दिया, पर रिश्ता
पूरी शायरी पढ़ें“रिश्तों का सफर जब उधार पर आ गया, जो अपना था कभी,
पूरी शायरी पढ़ें“मुनाफा और घाटा, बिज़नेस का दस्तूर है, जो मेहनत से कमाए, वही
पूरी शायरी पढ़ें“पैसे का उधार, रिश्तों का इम्तिहान बन गया, लिया तो मोहब्बत से,
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