“उधार की गलियों में वफ़ा नहीं मिलती,
जिनसे पैसा मांगो, उनसे दुआ नहीं मिलती।”
इस शायरी का मतलब है:
इस शायरी का अर्थ है कि उधार देने के बाद लोगों से वफादारी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जो लोग उधार लेकर चुकाने में टाल-मटोल करते हैं, उनसे मदद या दुआओं की अपेक्षा करना व्यर्थ है। यह शायरी इस सचाई को उजागर करती है कि उधार के लेन-देन में रिश्तों और व्यवहार में बदलाव आ जाता है।
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