“मुनाफा और घाटा, बिज़नेस का दस्तूर है,
जो मेहनत से कमाए, वही असली फूल है।”
इस शायरी का मतलब है:
इस शायरी का मतलब है कि मुनाफा और घाटा व्यापार का एक सामान्य हिस्सा है। जो लोग मेहनत करके कमाई करते हैं, वही असली सफलता और खुशी का प्रतीक हैं। यह शायरी यह दर्शाती है कि व्यापार में सफलता पाने के लिए मेहनत आवश्यक है, और केवल मेहनत करने वाले लोग ही वास्तव में फलते-फूलते हैं।
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