“रिश्तों का सफर जब उधार पर आ गया,
जो अपना था कभी, वो पराया बन गया।”
इस शायरी का मतलब है:
इस शायरी का मतलब है कि जब रिश्तों का सफर उधार पर निर्भर हो गया, तब जो व्यक्ति कभी हमारा अपना था, वह अब पराया हो गया है। यह शायरी यह दर्शाती है कि उधारी के कारण रिश्तों में कितनी दूरी आ सकती है और कैसे हमारे करीबी लोग भी अचानक हमसे दूर हो सकते हैं। रिश्तों की इस नाजुकता को उजागर करती है, जिसमें वित्तीय लेन-देन के चलते संबंधों में बदलाव आ जाते हैं।
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