“डील के इंतज़ार में बैठे थे रातभर,
व्हाट्सएप उनका खुला था पर कुछ न मिली खबर!”
इस शायरी का मतलब है:
इस शायरी का मतलब है कि हम किसी महत्वपूर्ण डील के लिए पूरी रात इंतज़ार करते रहे, जबकि सामने वाले का व्हाट्सएप खुला था। इसका यह संकेत है कि वे ऑनलाइन थे, लेकिन फिर भी उन्होंने हमें कोई जवाब नहीं दिया। यह शायरी उस निराशा और बेचारगी को दर्शाती है जो तब होती है जब हम किसी बात की उम्मीद करते हैं, लेकिन हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती। यह व्यापारिक रिश्तों में संकोच और अनिर्णय को मजेदार तरीके से व्यक्त करती है।
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