“हमने उनकी याद में ज़िंदगी गुज़र दी,
मगर वो वापस नहीं आए, जिनको उधार दी।”
इस शायरी का मतलब है:
इसका व्यावसायिक अर्थ यह है कि हमने किसी को उधार (क्रेडिट) दिया, लेकिन वो लोग लौटकर नहीं आए और उधार नहीं चुकाया। यह शायरी उस निराशा को दर्शाती है जब आप व्यापार में किसी को भरोसे के साथ उधार देते हैं, लेकिन वे अपनी ज़िम्मेदारी पूरी नहीं करते।
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